Kidney Diseases

किडनी (गुर्दे) के रोग ऐसे विकार होते हैं जिनमें गुर्दों की कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है। किडनी शरीर से विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी बाहर निकालने, रक्तचाप नियंत्रित करने, खून बनाने वाले हार्मोन बनाने, और मिनरल्स के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जब गुर्दे धीरे-धीरे या अचानक खराब होने लगते हैं, तो शरीर में ज़हर और अपशिष्ट जमा होने लगते हैं, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। किडनी रोगों के प्रमुख कारणों में मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), बार-बार यूरिन इंफेक्शन, और अनुवांशिक कारण शामिल हैं।
लक्षणों में थकान, सूजन (चेहरा, पैर), बार-बार पेशाब आना या रुक जाना, भूख में कमी, उल्टी, और पेशाब में झाग या खून शामिल हो सकते हैं — हालांकि प्रारंभिक अवस्था में यह रोग “मूक” (Silent) हो सकता है।
Kidney (Renal) diseases are disorders in which the kidneys’ ability to function properly gets affected. Kidneys play a vital role in removing toxins and excess water from the body, regulating blood pressure, producing hormones that help form blood, and maintaining mineral balance.
When the kidneys start to fail gradually or suddenly, toxins and waste begin to accumulate in the body, leading to several serious health complications. Major causes of kidney disease include diabetes, high blood pressure, frequent urinary tract infections, and genetic factors.
Common symptoms may include fatigue, swelling (especially in the face and legs), frequent or decreased urination, loss of appetite, vomiting, and foamy or bloody urine — although in the early stages, the disease may remain “silent” without noticeable symptoms.
At Al Kabir Herbs, we treat kidney disorders using pure Ayurvedic medicines that help restore kidney function gradually — without surgery or side effects.
Al Kabir Herbs में हम किडनी रोगों का इलाज शुद्ध आयुर्वेदिक औषधियों से करते हैं, जो बिना सर्जरी और साइड इफेक्ट के, धीरे-धीरे गुर्दों की कार्यक्षमता को बहाल करने का कार्य करती हैं।

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गुर्दों की धीरे-धीरे कार्यक्षमता कम होना। यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह या बार-बार संक्रमण के कारण हो सकता है। समय पर इलाज न हो तो डायलिसिस या प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ सकती है।

गुर्दों का अचानक काम करना बंद कर देना। यह डिहाइड्रेशन, दवाओं या रक्त की आपूर्ति में कमी के कारण हो सकता है। तात्कालिक इलाज से स्थिति सुधारी जा सकती है।

एक ऐसी स्थिति जिसमें पेशाब के साथ बहुत अधिक प्रोटीन निकलता है, जिससे सूजन (मुख्यतः चेहरे, पैरों) और कमजोरी होती है।

गुर्दों की सूजन, जिसमें पेशाब में खून आना, ब्लड प्रेशर बढ़ना और सूजन जैसे लक्षण होते हैं।

गंभीर यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जो गुर्दों तक पहुंचता है। इसमें तेज बुखार, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब में जलन और मवाद हो सकता है।

गुर्दे में खनिज और लवणों से बने ठोस कण, जो तेज दर्द, पेशाब में खून और जलन पैदा कर सकते हैं। छोटी पथरी अपने आप निकल सकती है, जबकि बड़ी के लिए इलाज ज़रूरी होता है।

एक आनुवंशिक रोग जिसमें गुर्दों में कई तरल से भरी गांठें (सिस्ट) बनती हैं। इससे धीरे-धीरे किडनी खराब हो सकती है।

मधुमेह से संबंधित किडनी की जटिलता, जिसमें धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है।

उच्च रक्तचाप के कारण गुर्दों को नुकसान। यदि नियंत्रण में न आए, तो यह स्थायी नुकसान का कारण बन सकता है।

गुर्दों की फ़िल्टरिंग यूनिट (ग्लोमेरुलस) की सूजन। इससे प्रोटीन और खून पेशाब में आ सकता है और किडनी डैमेज हो सकता है।

गुर्दों में कैंसर कोशिकाओं का विकास, जो वजन कम होना, पेशाब में खून, थकान और पीठ दर्द जैसे लक्षण दिखा सकता है।

जब गुर्दे पूरी तरह से काम करना बंद कर देते हैं और शरीर से अपशिष्ट पदार्थ निकालने में असमर्थ हो जाते हैं। यह तीव्र (Acute) या दीर्घकालिक (Chronic) हो सकता है।