Blood Pressure

सिस्टोलिक (ऊपरी संख्या): जब हृदय रक्त को पंप करता है।
डायस्टोलिक (निचली संख्या): जब हृदय विश्राम करता है।
इससे ऊपर या नीचे का रक्तचाप स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
Systolic (upper number): When the heart pumps blood.
Diastolic (lower number): When the heart is at rest between beats
Blood pressure higher or lower than this can lead to health problems.
ब्लड प्रेशर के प्रकार
हाई ब्लड प्रेशर (High BP / Hypertension)
जब रक्तचाप लगातार सामान्य से ऊपर हो (>130/80 mmHg)।
लक्षण (कभी-कभी लक्षण नहीं भी होते):
सिरदर्द,
चक्कर,
थकान,
धुंधली दृष्टि,
सीने में दबाव ,
नाक से खून आना (गंभीर अवस्था में) |
जोखिम: दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर, आंखों की क्षति।
लो ब्लड प्रेशर (Low BP / Hypotension)
जब रक्तचाप बहुत कम हो (<90/60 mmHg)।
लक्षण:
चक्कर आना,
बेहोशी,
थकावट,
ठंडी त्वचा,
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई |
जोखिम: शरीर के अंगों तक पर्याप्त रक्त न पहुंच पाना।
अल कबीर हर्ब्स से जुड़ें – प्राकृतिक उपचार की शुरुआत यहीं से होती है |
जब केवल ऊपरी संख्या (सिस्टोलिक) बढ़ी होती है – सामान्यतः बुज़ुर्गों में देखा जाता है।उदाहरण: 160/70 mmHg
जब क्लिनिक में BP सामान्य आता है, लेकिन घर या बाहर असामान्य रूप से बढ़ा होता है।
जब डॉक्टर के सामने BP बढ़ जाता है, लेकिन आमतौर पर सामान्य रहता है — चिंता या घबराहट से होता है।
बहुत तेज़ी से BP का बढ़ना (180/120 mmHg से ऊपर) — मेडिकल इमरजेंसी है।
जोखिम: ब्रेन हेमरेज, हृदय फेल्योर, किडनी डैमेज।
किडनी की बीमारी के कारण बढ़ा हुआ BP।
लक्षण: दवाओं से BP कंट्रोल न होना, अचानक बढ़ा हुआ BP।
गर्भवती महिलाओं में BP का बढ़ना — प्रीक्लेम्पसिया और बच्चे को खतरे का कारण बन सकता है।
जब BP किसी अन्य बीमारी के कारण बढ़ा हो — जैसे थायरॉयड, किडनी रोग, ट्यूमर आदि।
खड़े होते ही BP गिर जाना — अक्सर बुज़ुर्गों या कमजोर हृदय वाले मरीजों में होता है।